Thursday , April 10 2025

मकान मालिक अपने मकान का सर्वोपरि होता है      

प्रयागराज ब्यूरो :

गोपाल कृष्ण शंखधर की याचिका को ख़ारिज करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा है कि एक मकान मालिक को अपने आवास में कैसे रहना चाहिए | ये बताना कानून का काम नहीं है | ऐसा कोई कानून नहीं है जो यह तय करे कि एक मकान मालिक को उसकी सम्पति का आनंद लेने से वंचित कर सके | दरअसल एक किरायेदारी के मामले में किरायेदार से अपनी मकान को मुक्त कराने के लिए मकान मालिक ने उ प्र शहरी भवन(पट्टा, किराया, और बेदखली का विनियमन) अधिनियम 1972 की धारा 21(1)A के तहत एक वाद दायर किया था | जिसमे मकान मालिक ने कहा था कि मेरा परिवार बढ़ रहा है और उसे पर्याप्त जगह की जरुरत है | लिहाज़ा किरायेदार को मेरे मकान से हटाया जाय |  

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com