Saturday , May 18 2024

वित्तीय हालात देखने के बाद ही लायें कल्याणकारी योजनायें 

सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि कल्याणकारी योजनायें लाने से पहले राज्य सरकारों को अपने खजाने पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव का आकलन अवश्य कर लेना चाहिए नहीं तो यह एक जुमला बनकर रह जायेगी | सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस यू यू ललित,जस्टिस एस रवीन्द्र भट्ट व जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून,अदुरदर्शिता का सबसे सटीक उदाहरण है | कानून बनाया तो गया लेकिन स्कूल कहाँ है ? नगर पालिकाओं,राज्य सरकारों व विभिन्न प्राधिकरणों को स्कूल बनाने हैं | लेकिन उन्हें शिक्षक नहीं मिलते | क्योंकि उन्हें नियमित भुगतान के लिए महज 5 हजार रूपये मिलते हैं और जब ऐसे मामले अदालत में आते हैं तो सरकार बजट की कमी का हवाला देने लगती है | सुप्रीमकोर्ट की उपरोक्त पीठ ने महिलाओं के संरक्षण सम्बन्धी बनाए गए घरेलू हिंसा अधिनियम के बुनियादी ढ़ांचे में बड़े पैमाने पर अंतर को भरने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि इस अंतर को भरने की जरुरत है | जिससे कि दुर्व्यवहार का सामना करने वाली महिलाओं को प्रभावी क़ानूनी सहायता प्रदान की जा सके | याचिका में कानून के तहत शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं के लिए आश्रयगृह बनाने की भी माँग की गयी है |

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com