लखनऊ/गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यूक्रेन से लौटे गोरखपुर के 16 मेडिकल छात्र/छात्राओं और उनके अभिभावकों से मुलाकात की और कहा कि युद्धग्रस्त क्षेत्र से सकुशल वापस लौटे विद्यार्थियों के करियर पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
विद्यार्थियों से संवाद करते हुए सीएम योगी ने बुधवार को कहा कि युद्धग्रस्त युक्रेन से बच्चों की वापसी मोदी सरकार की संवेदनशीलता को व्यक्त करती है। युक्रेन से नागरिकों और छात्रों को सुरक्षित लाने की यह सुविधा केवल भारत को ही मिली, शेष देशों खासकर अफ्रीकी देशों की सरकार ने कोई संज्ञान नही लिया और वहाँ फंसे अपने नागरिकों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध शुरू होते ही बैठक की और युक्रेन में फंसे नागरिकों को लाने की व्यवस्था के लिए आपरेशन गंगा शुरू किया। इसके लिए चार केन्द्रीय मंत्रियों को भेजा और केन्द्र व राज्य सरकार ने नोडल अधिकारियों की तैनाती की। उप्र सरकार ने दिल्ली में नोडल अधिकारियों की तैनाती की । यूपी भवन में ठहराया और बच्चों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की । योगी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार युक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने पर ही कार्य नही कर रही है अपितु उनके कैरियर को आगे बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। इसे लेकर सरकार इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के संपर्क में है ।
उन्होंने कहा कि युक्रेन में उत्तर प्रदेश के 2290 छात्र रहते हैं। इनमें से 2078 वापस आ चुके हैं। अकेले गोरखपुर के 74 में से 70 बच्चे वापस आ चुके हैं। चार शेष बच्चों को भी लाने की व्यवस्था की जा रही है। इनमें से दो बच्चे पोलेंड एयरपोर्ट पर भारत के दूतावास में हैं। दो बच्चे युक्रेन से पोलटावा पहुंच चुके हैं । जल्द ही वह भी सकुशल पहुँच जाएंगे।
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