लखनऊ। ज्योतिषाचार्य पंडित आत्मा राम पाण्डेय जी ने बताया कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुदर्शी की संधि को ही शिवरात्रि कहते हैं।शिव योग में महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।
शिव योग के दौरान किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होने की मान्यता है। मान्यता है कि शिव योग में भगवान शंकर की विधि-विधान के साथ पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिव की पूजा विशेष फलदायी होती हैं। इस दिन शिवलिंग पर आठों प्रहर जल अपर्ण कर शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष चारों प्रहर की पूजा करने वाले को रोग और भय से मुक्ति व श्री की प्राप्ति होगी। ब्रह्म मुहुर्त में चतुर्दशी का प्रवेश हो रहा है। एक मार्च मंगलवार को प्रात: 4.16 बजे से लेकर अगले दिन दो मार्च के 4.16 बजे तक महादेव की पूजा आराधना की जा सकेगी।
बिल्व पत्र चढ़ाएं और करें जलाभिषेक
पंडित आत्मा राम पाण्डेय बताते है कि शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर बिल्व पत्र अवश्य चढ़ाएं और महादेव को जलाभिषेक करें। जल की धारा शिव को अतिप्रिय है। मध्यरात्रि में शिव-पार्वती का विवाह होगा। बताते हैं कि इस दिन कन्या उत्तम वर और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए तो वहीं विवाहिता सौभाग्य की कामना के लिए यह व्रत करती हैं। वहीं पुरुषों को शिव की भक्ति प्राप्त करने के लिए यह व्रत अवश्य करनी चाहिए।
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