मुंबई। ट्विटर के नए CEO पराग अग्रवाल कंट्रोवर्सी में घिर गए हैं। उनका करीब 10 साल पुराना एक ट्वीट वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने व्हाइट पीपुल यानी गोरों और मुस्लिमों को लेकर एक ट्वीट किया था। अब इस ट्वीट के वायरल होने के बाद अमेरिकी दक्षिणपंथी पराग को ट्रोल कर रहे हैं। उनका कहना है कि पराग के पुराने ट्वीट से नस्लवाद झलकता है। यहां बता दें कि ट्विटर CEO पराग ने 26 अक्टूबर 2010 को कॉमेडियन आसिफ मांडवी के शो को लेकर एक ट्वीट किया था। उन्होंने अमेरिकी व्हाइट लोगों के लिए लिखा था- अगर आप मुस्लिमों और चरमपंथियों के बीच अंतर नहीं कर सकते हैं तो मैं गोरे लोगों और नस्लवादियों के बीच भेद क्यों करूं। अब इस ट्वीट को लेकर अमेरिकी दक्षिणपंथी उन्हें निशाना बना रहे हैं। वे इस ट्वीट के आधार पर पराग को व्हाइट पीपुल विरोधी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, इस ट्वीट से जुड़े दूसरे ट्वीट्स में पराग ने सफाई दी थी कि उनका स्टेटमेंट कॉमेडियन के शो को लेकर है। पराग के इस ट्वीट के अभी वायरल और ट्रोल होने की वजह अमेरिकी कट्टरपंथी व्हाइट समुदाय है, जिसके लिए ट्विटर की शर्तें हमेशा से ही सख्त रही हैं। अब ये समुदाय पराग को पूर्व CEO जैक डोर्सी के उत्तराधिकारी के तौर पर देख रहा है। उनका मानना है कि कट्टरपंथियों के लिए इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप और ज्यादा बढ़ जाएगी। इन कट्टरपंथियों ने पहले भी ट्विटर का बहिष्कार किया था, जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ट्विटर ने बैन कर दिया था। इस समुदाय का कहना है कि ट्विटर उनको अपने प्लेटफॉर्म पर हमेशा दबाता रहा है।
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