लखनऊ। कुशीनगर और गाजीपुर डीएम की ओर से पशु चिकित्साधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा संघ बेहद खफा है। संघ का कहना है कि दोनों जिलों के जिलाधिकारियों ने शासन को गुमराह किया है। हकीकत से उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं करवाया है। इस आशय का ज्ञापन संघ ने पशुधन मंत्री को दिया है।
संघ की ओर से सौंपे गये पत्र में कहा गया है कि गोवंश संरक्षण और आश्रय स्थलों पर व्याप्त कमियों पर पर्दा डालने के लिए कुशीनगर सीवीओ और पशु चिकित्साधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई प्रचलित की जा रही है। कुशीनगर जिले में 25 के सापेक्ष केवल 5 पशु चिकित्सक हैं। जिनके कंधों पर 4 लाख पशुधन के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है। इसी तरह गाजीपुर में गोवंश संरक्षण और आश्रय स्थल के संचालन का दायित्व एनजीओ को दिया गया था। एनजीओ ने संचालन करने से इंकार कर दिया। इसकी जानकारी डीएम और सीडीओ को दी गई थी। बावजूद इसके दोनों अधिकारियों ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। 30 रूपये प्रतिदिन के खुराक में एक पशु को स्वस्थ नहीं रखा जा सकता है। शव निस्तारण की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग की है। संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि दोनों जिलों में मनमानी की जा रही है और शासन को अंधेरे में रखा गया है। नियमानुसार कार्रवाई नहीं होने पर संघ आंदोलन को बाध्य होगा।

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